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त्रयोदशांग गुग्गुल के फायदे नुकसान और सेवन विधि | Baidyanath Trayodashang Guggulu uses in Hindi

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Jul 11, 2021
त्रयोदशांग गुग्गुल के फायदे नुकसान और सेवन विधि | Baidyanath Trayodashang Guggulu uses in Hindi | Trayodashang Guggulu Benefits in Hindi | Trayodashang Guggulu Price | Trayodashang Guggulu ke fayde, nuksan or sewan vidhi hindi me | त्रयोदशांग गुग्गुल के फायदे बताओ | त्रयोदशांग गुग्गुलु की कीमत | त्रयोदशांग गुग्गुल के गुण और उपयोग | त्रयोदशांग गुग्गुल के लाभ और हानि | बैद्यनाथ त्रयोदशांग गुग्गुल के फायदे | डाबर त्रयोदशांग गुग्गुल के फायदे | पतंजलि दिव्य त्रयोदशांग गुग्गुल के फायदे

परिचय 

त्रयोदशांग गूगल पूर्णतया आयुर्वेदिक समस्त वात रोगों का नाश करने वाली अत्यंत गुणकारी औषधि है। इसका सेवन करके आप अनेकों असाध्य रोग जैसे- स्पोंडिलाइटिस, सर्वाइकल,  स्लिप डिस्क, लकवा, मसल्स पेन, बैक पेन, हड्डियों का दर्द, नसों का दर्द आदि कितने ही रोगों का इलाज कर सकते हैं।

तो आइए जानते हैं, त्रयोदशांग गुग्गुल के फायदे नुकसान और सेवन विधि के बारे में।

त्रयोदशांग गुग्गल के मुख्य घटक

बबूल की फली या छाल , असगन्ध , हाऊबेर , गिलोय, शतावर, गोखरू , काला निशोथ , रास्ना , कचुर , सौंफ , अजवाइन और सोंठ का चूर्ण समान भाग लें और सब दवा के समान भाग शुद्ध गुग्गुलु और गुग्गुलु से आधा घी लेकर गुग्गुलु और अन्य द्रव्यों के चूर्ण को एकत्र मिला , थोड़ा-थोड़ा घी डालकर कूटें। जब गोली बनाने योग्य हो जाए तब 3-3 रत्ती की गोलियांँ बना, छाया में सुखा कर रख लें। 

त्रयोदशांग गुग्गुल के गुण और उपयोग

इसके सेवन से वात-शूल , गठिया , पक्षाघात, लकवा ,गृघ्रसी-वात , अस्थि , संधि मज्जागत तथा स्नायु एवं कोष्ठस्थित वात रोग नष्ट होते हैं। इसके नियमित सेवन से कभी-कभी लूले-लंगड़े और पंगु तक अच्छे हो जाते हैं। वातनाशक औषधियों के अनुपान के साथ देने से वातव्याधि नष्ट होती है।
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Trayodashang Guggulu uses in Hindi

त्रयोदशांग गुग्गुल के फायदे नुकसान और सेवन विधि | Baidyanath Trayodashang Guggulu uses in Hindi 

 
 
  1. स्पाइनल कॉर्ड इंजरी (Spinal Cord Injury) यानी रीड की हड्डी में किसी भी प्रकार से अगर चोट लग जाए या अन्य किसी भी कारण से यह क्षतिग्रस्त हो जाए तो यह रोगी के लिए बहुत ही घातक सिद्ध हो सकती है, क्योंकि स्पाइनल कॉर्ड नसों (नव्र्स) का वह समूह होता है, जो दिमाग का संदेश शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचाता है। ऐसी कोई भी स्थिति उत्पन्न होने पर त्रयोदशांग गुग्गुल एक महा औषधि है। स्पाइनल कॉर्ड इंजरी होने पर त्रयोदशांग गुग्गुल का सेवन चंद्रप्रभा वटी के साथ करें बहुत अच्छा लाभ होगा।        ( और पढ़ें- भोजन क्या है और भोजन का प्रयोजन क्या है। )
  2. सर्वाइकल की वजह से हाथों में अगर सुन्नपन आ जाए या गर्दन तथा हाथों की नसों में दर्द होने लगे तो उस अवस्था में भी त्रयोदशांग गूगल का सेवन अत्यंत लाभकारी है।
  3. सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस  तथा जोड़ों के दर्द, हड्डियों के दर्द में भी त्रयोदशांग गुग्गुल आश्चर्यजनक रूप से फायदा करती है।
  4. त्रयोदशांग गुग्गुल सभी तरह के वात रोगों की एक रामबाण औषधि है। अतः किसी भी प्रकार से वात दोष होने पर आप इसका सेवन करके उत्तम स्वास्थ्य का लाभ ले सकते हैं।             (और पढ़ें- यौन रोगों में यशद भस्म के फायदे, नुकसान और सेवन विधि। )
  5. एक उम्र के बाद जब हाथों-पैरों में, कमर में, शरीर के सभी जोड़ों में जकड़न महसूस होने लगती है। तथा नसें कमजोर होने पर उन में दर्द रहना शुरू हो जाता है। जिसके कारण रोगी को उठने बैठने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ऐसी अवस्था होने पर भी आप त्रयोदशांग गुग्गुल का सेवन कर सकते हैं। यह बहुत ही फायदेमंद है।
  6. आर्थराइटिस, साईटिका, स्लिपडिस्क, बैक पेन, मसल्स पेन, गठिया बाय आदि होने पर त्रयोदशांग गुग्गुल का सेवन महारास्नादि क्वाथ के साथ करें आपको आश्चर्यजनक रूप से फायदा होगा।
  7. इसके अलावा लकवा, पक्षाघात में भी यह एक रामबाण औषधि का काम करती है। कई बार लूले लंगड़े भी त्रयोदशांग गूगल का निरंतर सेवन करके अच्छे हो जाते हैं।
  8. मांसपेशियों में ऐंठन जिसे आम भाषा में बाँयटे आना भी बोलते हैं, ऐसे समय में भी त्रयोदशांग गुग्गुल एक असरदार औषधि है। यह मांसपेशियों की ऐंठन को दूर कर मांसपेशियों को रिलैक्स करने का काम करती है।

त्रयोदशांग गुग्गुल के नुकसान

वैसे तो त्रयोदशांग गुग्गुल पूर्णतया आयुर्वेदिक औषधि है, और यह बिना डॉक्टर की पर्ची के बाजार में उपलब्ध है, इसे आप आसानी से मार्केट से खरीद सकते हैं, लेकिन इसका प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।
गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए।

त्रयोदशांग गुग्गुल की मात्रा, अनुपान और सेवन विधि 

 2 से 4 गोली सुबह-शाम गर्म जल या दूध के साथ दें।

वक्तव्य 

अनुभव से देखा गया है कि गुग्गुलु से आधा घी मिलाने से गोलियांँ नहीं बन पाती है। अतः गुग्गुलु से चतुर्थांश घी मिलाकर गोलियांँ बनाना एवं अनुपान में गर्म दूध में घी मिलाकर सेवन करना उचित एवं सुविधाजनक है।

 त्रयोदशांग गुग्गुल की कीमत 

बैद्यनाथ त्रयोदशांग गुग्गुल की 80 टेबलेट की डब्बी मात्र ₹159 में आप इसे अमेजॉन से ऑनलाइन या ऑफलाइन बाजार से बहुत आसानी से खरीद सकते हैं। अलग-अलग कंपनियों के कीमतों में अंतर हो सकता है।
विशेष नोट – अगर आप भी स्पोंडिलाइटिस, सर्वाइकल,  स्लिप डिस्क, लकवा, मसल्स पेन, बैक पेन, फ्रोजन शोल्डर, जकड़न, हड्डियों का दर्द, नसों का दर्द आदि से परेशान हैं और बहुत जगह से इलाज करा कर देख चुके हैं कहीं से भी आराम नहीं आ रहा तो आज ही हमारे अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक से मिलें और इन सभी रोगों से मुक्ति पाएं। हमारे यहां ऐसी सभी बीमारियों का इलाज प्योर आयुर्वेदिक दवाइयों, भस्मों तथा देसी जड़ी बूटियों के द्वारा किया जाता है। हमारा पता है- अनंत क्लीनिक- रोजाना मिलें – 9 से 7 बजे तक ( बुधवार अवकाश ), मैन बरोना रोड़, निकट मटिण्डू चौक, Kharkhoda, Haryana 131402. आप हमें कॉल ( 7277270004 ) भी कर सकते हैं।
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संदर्भ:- आयुर्वेद-सारसंग्रह श्री बैद्यनाथ भवन लि. पृ. सं. 594
 
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