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चावल का पानी (मांड) पीने के फायदे, नुकसान और सेवन विधि | benefits of rice water

Byanantclinic0004

Jul 21, 2020
चावल का पानी (मांड) पीने के फायदे, नुकसान और सेवन विधि | benefits of rice water | rice water uses in hindi | rice water | चावल का पानी पीने के लाभ | Rice Water : के इन फायदों के बारे में नही जानते होंगे आप | Rice Water : के अदभुत फायदे



पहला सुख ‘स्वस्थ शरीर निरोगी काया’ यह वाली कहावत तो आप सब ने सुनी ही होगी, अर्थात जिनकी पाचन क्रिया ठीक है। जो भी खाते हैं सब अच्छे से हजम हो जाता है और समय पर पेट साफ हो जाता है। तो ऐसे व्यक्ति को हम सुखी कहेंगे।

लेकिन आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग अपनी इसी आदत से परेशान हैं। बहुत से लोगों का कहना है कि हमें भूख ही नहीं लगती, तो वहीं बहुत से लोगों का कहना है कि हमें भूख तो लगती है, लेकिन हमारा हाजमा ठीक नहीं है। कब्ज, गैस, एसिडिटी आदि की समस्या बनी ही रहती है।
इन सब कारणों की एक वजह हो सकती है और वह है, हमारी जठराग्नि की गड़बड़ी का होना अर्थात हमारी अग्नि का मंद होना।
आज हम आपको एक ऐसे चमत्कारिक घरेलू नुस्खे के बारे में बताएंगे जिससे आप घर पर ही प्रयोग करके बड़ी आसानी से अपनी अग्नि को सुधार सकते हैं और ऐसी अनेकों बीमारियों से निजात पा सकते हैं।


चावल का पानी (मांड) पीने के फायदे, नुकसान और सेवन विधि | benefits of rice water

आयुर्वेद कहता है कि अगर आपकी जठराग्नि बिगड़ी हुई है, फिर चाहे वह विषम अग्नि हो वात के कारण या मंदाग्नि हो कफ के कारण तो उसको ठीक करने के लिए आपको क्या करना है।
इसके लिए आपको तीन चीजों की आवश्यकता है।
1- चावल का पानी।
2- हींग एक से दो चुटकी।
3- काला नमक एक से दो चुटकी।
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चावल का पानी कैसे तैयार करें –

चावल का पानी जिसे हम आम बोलचाल की भाषा में चावल का मांड भी कहते हैं इसको तैयार करने के लिए 100 ग्राम चावल लेकर ( ब्राउन राइस हो तो और अच्छा नहीं तो कोई भी चावल ले सकते हैं। ) इसे 1400 मि. ली. पानी में डालकर पकाएं जब चावल पक कर अच्छे से तैयार हो जाए तो इसके पानी को छानकर निकाल लें और ढक कर रख लें।


चावल के पानी की मात्रा और सेवन विधि –

100 – 200 मि. ली. पानी लेकर इसमें एक से दो चुटकी हींग और एक से दो चुटकी काला नमक जिसे हम सौंहचर नमक भी कहते हैं। डालकर इसका सेवन करें।

चावल का पानी कैसे और कब तक पिएं –

इस मांड या पानी को आप सुबह-शाम दो बार पी सकते हैं लेकिन यहां ध्यान रखें की चावल का पानी पीने के बाद आपको और कुछ नहीं लेना है।
इसे ऐसे समझें कि सुबह अपने चावल का पानी पिया फिर दोपहर में लंच कर लें फिर रात को यही चावल का पानी पी लें इसके अलावा और कुछ ना लें।
इस तरह सेवन करने से आप पाएंगे कि आपकी जठराग्नि में कुछ ही दिनों में आश्चर्यजनक रूप से सुधार होने लगा है।

कब तक पिएं –

जब तक आपकी जठराग्नि ठीक नहीं हो जाती, आपको खुलकर भूख नहीं लगने लगती या जब तक आपका समय से पेट साफ नहीं होता तब तक आप इस पानी या मांड का सेवन कर सकते हैं।
यह तो हुई नुस्खे की बात, आइये अब यह जान लेते हैं कि इस नुस्खे में इस्तेमाल होने वाली तीनों चीजों ( चावल का पानी, हींग, काला नमक ) के बारे में आयुर्वेद क्या कहता है।


चावल के पानी के गुण –

1 – चावल के पानी को आयुर्वेद में लघु और शीत कहा गया है, अर्थात यह पचने मे हल्का और शीतल होता है।
2 – इसके अलावा यह दीपन और पाचन का कार्य भी करता है अर्थात आपकी भूख को भी बढ़ाता है और हाजमे को भी ठीक करता है।
यहां दीपन और पाचन के बारे में भी थोड़ा समझ लेना जरूरी है।

दीपन –

दीपन का मतलब है कि आपको भूख तो लगेगी लेकिन आप जो खाएंगे वह ठीक से हजम होगा या नहीं इसका दीपन से कोई संबंध नहीं है।
इसलिए जिन लोगों को भूख नहीं लगती, ऐसे लोगों में चावल का पानी दीपन ( increase appetite ) का कार्य करता है अर्थात भूख खुलकर लगाता है।

पाचन का मतलब है कि आप जो खाते हैं उसे वह अच्छे से हजम करता है, लेकिन इससे भूख नहीं लगती, कहने का मतलब आप जो खाते हैं। यह उसे अच्छे से हजम करता है, लेकिन भूख लगने या ना लगने से इसका कोई लेना देना नहीं है।



इसलिए जिन का हाजमा ठीक नहीं है चावल का पानी उनके पाचन तंत्र को दुरुस्त ( increase digestive capacity ) करने का काम करता है।
3 – इसके अलावा चावल के पानी के बारे में कहा गया है कि यह ग्राही है अर्थात यह शरीर में चीजों को रोकने में भी मदद करता है। जैसे लूज मोशन होने पर चावल के पानी से फायदा होता है।
4 – इसके अलावा यह वातानुलोमक और कफ हर है, अर्थात जिसकी विषम अग्नि है, जो कि वायु के बिगड़ने के कारण होती है और जिसकी मंद अग्नि है, जो कि कफ की गड़बड़ी के कारण होती है। यह उन दोनों को भी ठीक करने का काम करता है।

हींग के गुण –

1 – आयुर्वेद के अनुसार हींग लघु है अर्थात पचने में हल्की है और उष्ण है अर्थात गरम है जो कि वात और कफ दोनों को कंट्रोल करने का काम करती है।
2 – इसके अलावा इसे तीक्ष्ण सरगुण भी कहा गया है, अर्थात जिनका पेट साफ नहीं होता, जिनको हमेशा ऐसा लगता है कि जैसे पेट में कुछ रुका हुआ है, गैस बनी रहती है। तो हींग का यह गुण इन सब को बाहर निकालने का काम करता है।


काला नमक के गुण –

1 – काला नमक भी हींग की ही भांति लघु और उष्ण है।
2 – इसके अलावा इसे शूल गुल्म हर भी कहा गया है, अर्थात पेट में जो भी गैस गांठ आदि की समस्या है या गैस के कारण पेट दर्द की समस्या है यह उन सब को ठीक करता है।
3 – इसके अलावा यह भोजन करने में रुचि पैदा करता है। बहुत से लोगों का कहना है कि हमें भूख तो लगती है लेकिन खाने का मन नहीं करता। ऐसे लोगों को इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
अब अगर हम अपने नुस्खे की तीनों चीजों के कॉन्बिनेशन पर नजर डालें तो यह तीनों ही वात और कफ को कंट्रोल कर आपका दीपन और पाचन बढ़ाने का काम करते हैं।

चावल का पानी पीने के फायदे –

1- इसका सबसे अच्छा फायदा तो यह है कि इसे हर कोई ले सकता है बच्चा, बुड्ढा, जवान फिर चाहे वह स्वस्थ हो या बीमार सभी इसका सेवन कर सकते हैं।
2- यह लूज मोशन को ठीक करता है।
3- यह शरीर से फालतू चर्बी को कम करने अर्थात मोटापा कम करने में भी मददगार है।
4- कोलेस्ट्रॉल को ठीक करने में भी चावल का पानी बहुत फायदेमंद है।
5- शुगर को कंट्रोल करने के लिए भी आप इस चावल के पानी का सेवन कर सकते हैं।
6- डायरिया जैसी समस्या होने पर फिर चाहे वह बड़े को हो या बच्चे को चावल का पानी बहुत फायदेमंद है।
7- बुखार या वायरल इंफेक्शन होने पर आप इस पानी का सेवन करते हैं, तो यह है आपको जल्दी ठीक होने में मदद करता है।
8- यह आपके शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करके आपको अनेकों बीमारियों से बचाता है।
9- चावल का पानी फाइबर से भरपूर होता है। जो आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही आपके पाचन को दुरुस्त करके आपको कब्ज से भी राहत दिलाता है।
10- शरीर में पानी की कमी होना डिहाइड्रेशन की निशानी है अतः चावल का पानी आपको डिहाइड्रेशन से भी बचाता है।

चावल का पानी पीने के नुकसान –

चाहे जिस भी कारण से आपकी जठर अग्नि खराब हुई हो किसी मामूली बीमारी या गंभीर बीमारी के कारण, या फिर चाहे आप बीमार हों या स्वस्थ हों, बच्चे-बूढ़े सभी इसका सेवन कर सकते हैं। यह एक पूर्णतया सुरक्षित घरेलू नुस्खा है। और इसके नुकसान न के बराबर हैं !


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