परिचय
नीम का पेड़ हमें छाया ही नहीं देता बल्कि आयुर्वेद के अनुसार यह एक औषधीय गुणों से भरपूर वृक्ष है। क्योंकि इसके अनेकों फायदे हैं जैसे – हमारी इमुनिटी बढ़ाने, रक्त को शुद्ध करने, शुगर को खत्म करने तथा लिवर को एक्टिवेट करने के अलावा और भी बहुत से फायदे हैं लेकिन इसके फायदों के साथ साथ कुछ नुक्सान भी हैं। जिसके बारे में हम आज आपको बताएंगे।
नीम एक तेजी से बढ़ने वाला पत्तेदार पेड़ है। जो आमतौर पर 50 से लेकर 140 फुट तक भी ऊंचा हो सकता है। इसकी छाल कठोर, विदरित अर्थात दरार युक्त होती है और इसकी शाखाओं का प्रसार व्यापक होता है। तना अपेक्षाकृत सीधा और छोटा होता है। जो व्यास में 1.2 मीटर तक पहुंच सकता है। यह घने पत्तेदार वृक्ष है।
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नीम का पेड़ कहाँ-कहाँ होता है और इसके फायदे नुकसान
नीम वैसे तो कई अलग-अलग प्रकार की मिट्टी में विकसित हो सकता है। लेकिन इसके लिए गहरी और रेतीली मिट्टी जहां पानी का निकास अच्छा हो सबसे अच्छी रहती है। यह उष्णकटिबंधीय और उष्णकटिबंधीय जलवायु में फैलने वाला वृक्ष है। यह किसी भी प्रकार के पानी मीठा या खारा में भी जीवित रहता है तापमान की बात करें तो 32 डिग्री सेंटीग्रेड तक के उच्च वार्षिक औसत तापमान को सहन कर सकता है,लेकिन 4 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान में यह मुरझा जाता है यह एक जीवनदाई वृक्ष है।
नीम एक बहुत अच्छी वनस्पति है। जो भारतीय पर्यावरण के अनुकूल है, और भारत में बहुत मात्रा में पाया जाता है। आयुर्वेद में नीम को बहुत ही उपयोगी माना गया है। इसका स्वाद तो कड़वा होता है, लेकिन इसके फायदे अनेक और बहुत प्रभावशाली हैं।
यह लघु अर्थात हल्का होता है। खाने में कड़वा और कसाय रस का होता है।
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99% Log Nhi Jante Neem ke in Faydon ke Baare me | नीम के फायदे नुकसान और सेवन विधि
1 – नीम का सबसे पहला फायदा या लाभ जो हम सबको पता है, और लगभग हम सभी बचपन से उस लाभ का फायदा लेते आ रहे हैं। वह है नीम की दातुन, जी हां नीम की दातुन करने से दांतो से संबंधित कोई भी बीमारी नहीं होती। दांत मजबूत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं।
2 – यह कफ और पित्त से जुड़ी अनेक बीमारियों के लिए एक रामबाण औषधि का काम करता है।
3 – यह शरीर में पित्त अर्थात गर्मी को कम करके ठंडक देने का काम करता है।
4 – यह लीवर को एक्टिवेट करने का काम करता है इसका मतलब लिवर से जुड़ी जितनी भी बीमारी हैं, उनमें यह एक रामबाण औषधि का काम करता है।
5 – यह एक बहुत अच्छा कृमि नाशक है, अगर आपके शरीर में किसी भी तरह के कृमि फिर चाहे वह बैक्टीरिया हो, वायरस हो, वार्मस ( worms, कीड़े ) या और किसी प्रकार से आपके शरीर में कृमि पनप रहे हैं, तो आपको नीम का सेवन जरूर करना चाहिए।
6 – नीम की छाल का लेप सभी प्रकार के चर्म रोगों और घावों को ठीक करता है।
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7 – जौंडिस पीलिया या अन्य पित्त की बीमारियों में नीम बहुत अच्छा काम करता है।
8 – अगर आपके मुंह का स्वाद चला गया है, जैसे कि कभी-कभी आपने अनुभव किया होगा, कि आपकी जीभ पर एक लेयर बन जाती है। जिससे आपको खाने के स्वाद का पता नहीं चलता। ऐसी स्थिति में आपको नीम की दातुन या नीम के पत्तों का सेवन जरूर करना चाहिए।
9 – मल त्याग करते समय बहुत दुर्गंध आती है, या मल में बहुत चिकनाहट दिखाई देती है, तो ऐसे में नीम का सेवन आपके लिए बहुत लाभदायक है।
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10 – कब्ज में निंबोली ( नीम का फल ) का सेवन करने से कब्ज में राहत मिलती है।
11 – वैसे तो किसी भी मौसम में आप नीम की पत्तियों का सेवन कर सकते हैं, लेकिन पतझड़ ऋतु के बाद जब नीम पर नई कोपलें फूटने लगती हैं, उस समय में अगर इनको कोपलों का सेवन किया जाए, तो यह खून को साफ कर हमारी त्वचा को विकार मुक्त करके कांतिवान बनाती है।
12 – नीम का लेप सिर में लगाने से बाल स्वस्थ रहते हैं, और कम झड़ते हैं, साथ ही डैंड्रफ से भी छुटकारा मिलता है।
13 – आंखों में सूजन आने पर जिसे नेत्रशोथ भी कहते हैं, या कंजेक्टिवाइटिस ( आंख आने की बीमारी ) होने पर नीम की पत्तियों का रस आंखों में डालने से लाभ होता है।
14 – नीम के बीजों के चूर्ण को खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेने से खूनी बवासीर में फायदा होता है।
15 – जिनको मुंह में खट्टा पानी बनता है, और बाद में कफ हो जाता है, जो निकलता नहीं ऐसे लोगों को नीम की दातून या नीम के पत्ते या नीम के रस का सेवन जरूर करना चाहिए।
16 – अगर आपको शुगर है, और आपका वजन बढ़ता जा रहा है, अर्थात आप मोटे होते जा रहे हैं। तो ऐसे में नीम खाना या नीम के रस का सेवन करना आपके लिए बहुत फायदेमंद है।
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17 – ऐसे पुरुष जिनको फंगल इंफेक्शन है, और ऐसी महिलाएं जिन को सफेद पानी की समस्या है, या जननांग के पास हमेशा गीला – गीला रहता है। खुजली होती है, या ब्लीडिंग ज्यादा होती है। ऐसी महिलाओं को नीम का सेवन जरूर करना चाहिए।
18 – यह बुखार और नेत्र रोगों में बहुत लाभकारी है।
19 – अगर आपकी आंखें लाल होती हैं। आंखों में भारीपन रहता है, या आंखों से बहुत गंदगी निकलती है। तो आपको नीम का सेवन अवश्य करना चाहिए।
20 – यह आमाशय और पेट की गंदगी को साफ करता है।
21 – यह कफ को सुखाने का काम करता है।
22 – नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी से स्नान करने से चेचक जैसी भयंकर बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
नीम की सेवन विधि
1 – पेट की बीमारी हो या लीवर की बीमारी हो या किसी भी तरह का कृमि रोग हो तो 2 चम्मच नीम का रस 1 चम्मच शहद के साथ लें जरूर फायदा होगा।
2 – जिनको सांस की बीमारी के साथ-साथ स्किन की बीमारी है। ऐसे लोगों को नीम का रस 30 से 60ml शहद के साथ लेना चाहिए।
3 – नीम की छाल, पत्ते, फल या नीम का तेल लगभग सभी का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है।
4 – अगर आप नीम के पत्तों का प्रयोग करते हैं तो 10ml से शुरू करके 30 – 40 ml तक प्रयोग कर सकते हैं।
5 – नीम की लकड़ी का प्रयोग आप रोजाना दातुन के रूप में कर सकते हैं। नीम की दातुन करने से दांत भी मजबूत होंगे और यह दातों की और सभी बीमारियों से भी बचाता है।
6 – नीम घनवटी, निम्बादी चूर्ण, निम्बादी तेल आदि बनी बनाई दवाएं भी आपको मार्केट में मिल जाएंगी, जिन्हें आप चिकित्सक की देखरेख में अपने रोगानुसार ले सकते हैं।
7 – नीम घनवटी एक आयुर्वेदिक औषधि है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। इसका मुख्य घटक नीम घनसत्व होता है। यह मधुमेह में भी अत्यंत लाभकारी है।
नीम के सेवन से नुकसान
नीम शरीर में खुश्की लाता है, अतः उन सभी लोगों को जो बहुत दुबले-पतले हैं, अंडरवेट हैं, या वात प्रकृति के हैं, या जिनकी त्वचा या स्किन बहुत ड्राई रहती है। ऐसे लोगों को नीम का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
अगर आप फिर भी नीम का सेवन करना चाहते हैं, तो खाने में घी और मीठे की मात्रा को ज्यादा रखकर ही सेवन करें या अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लें।
अनुरोध – दोस्तों इस पोस्ट में हमने आपसे नीम के फायदों के बारे में जानकारी साझा की है। उम्मीद है आपको पसंद आई होगी। पसंद आने पर लाइक करें, शेयर करें और कमेंट करें और साथिया हमें बताएं आप और किन विषयों पर जानकारी चाहते हैं।
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