• Fri. Mar 29th, 2024

Anant Clinic

स्वस्थ रहें, मस्त रहें ।

कृमि कुठार रस के फायदे, नुकसान और सेवन विधि | krimi kuthar ras uses in hindi

Byanantclinic0004

Feb 21, 2020
कृमि कुठार रस के फायदे, नुकसान, गुण उपयोग और सेवन विधि | krimi kuthar ras uses in hindi | कृमि कुठार रस के फायदे गुण और उपयोग | krimi khuthar ras benefits in hindi | krimi kuthar ras uses in hindi | कृमि कुठार रस के लाभ | कृमि कुठार रस के फायदे, नुकसान और सेवन विधि | कृमि कुठार रस के फायदे बताओ | कृमि कुठार रस के लाभ और हानि | कृमि कुठार रस के नुकसान | krimi khuthar ras side effects in Hindi | krimi khuthar ras Price in india | Baidynath krimi khuthar ras ke fayde in Hindi | Health Benefits of krimi khuthar ras in Hindi | पेट के कीड़ों की रामबाण औषधि


कृमि कुठार रस पेट के कीड़ों की रामबाण औषधि है। आयुर्वेद में कृमियों अर्थात कीड़ों की 20 से ज्यादा जातियां बताई गई हैं। इन सब तरह के कीड़ों को मारने के लिए कृमि कुठार रस एक बहुत ही गुणकारी तथा पूर्णतया आयुर्वेदिक औषधि है।
तो आइए जानते हैं कृमि कुठार रस के फायदे, नुकसान, गुण और उपयोग, मुख्य घटक तथा इसकी सेवन विधि के बारे में।

कृमि कुठार रस के मुख्य घटक –

शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, वायविडंग, शुद्ध हींग, इंद्रजौ, वच कमीला ( कम्पिल्लक ), करंज बीज को सेंक कर निकाला हुआ मग्ज, पलाश के बीज, अनार के मूल की छाल, सुपारी, डिकामाली, छिला हुआ लहसुन, सोंचर नमक, अजवाइन का सत्व – यह सब समान भाग लें, कूटकर कपड़छान करके चूर्ण बनाकर खरल में डालकर ग्वारपाठा रस की 3 भावना देकर घुटाई करें, गोली बनाने योग्य होने पर 3-3 रत्ती की गोलियां बनाकर छाया में सुखाकर रख लें।
कृमि कुठार रस के फायदे गुण और उपयोग | krimi khuthar ras benefits in hindi | krimi kuthar ras uses in hindi | कृमि कुठार रस के लाभ | कृमि कुठार रस के फायदे, नुकसान और सेवन विधि | कृमि कुठार रस के फायदे बताओ | कृमि कुठार रस के लाभ और हानि | कृमि कुठार रस के नुकसान
krimi kuthar ras ke benefits in hindi


कृमि कुठार रस के फायदे, नुकसान, गुण उपयोग और सेवन विधि। | पेट के कीड़ों की रामबाण औषधि | krimi kuthar ras uses in hindi  

यह दवा कृमि रोग में बहुत गुणकारी है बच्चों को विशेषकर यह रोग होता है जिससे बच्चे पीले पड़ जाते हैं उस समय इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
पेट में कीड़े हों और दस्त भी साफ होता हों, तो ऐसी अवस्था में कृमि कुठार रस के सिर्फ 7 दिन सेवन करने से पेट के कीड़े मरकर बाहर निकल जाते हैं। यदि दस्त साफ ना हो, तो विडंगादि चूर्ण या कबीले का चूर्ण या एरंड तैल जिसको हम कैस्टर ऑयल के नाम से भी जानते हैं। इनमें से किसी एक का प्रयोग कराकर पहले जुलाब दें। बाद में कृमि कुठार रस देने से शीघ्र फायदा होता है, क्योंकि जुलाब देने से कीड़े कमजोर पड़ जाते हैं, और मर भी जाते हैं, जिससे बड़ी सुविधा से बाहर निकल आते हैं‌। यदि पेट में कृमि अधिक हो गए हो तो तुरंत निकालने की कोशिश करें। ऐसी हालत में रात के समय कृमि कुठार रस १ गोली सेण्टोनीन में मिला कर देना और सुबह कैस्टर ऑयल ( शु. अण्डी के तैल ) 10 बूंद पाव भर दूध में मिलाकर पिला देना चाहिए। इस उपाय से कृमि विकार नष्ट हो जाएंगे । बाद में कुछ रोज तक कुमारी आसव भोजन के बाद देते रहने से कृमि रोग सर्वदा के लिए नष्ट हो जाता है।


कीड़ों के कारण और प्रकार –

और पढ़ें – ताम्र भस्म के फायदे, नुकसान और सेवन विधि

  1. मधुर अर्थात मीठे पदार्थों जैसे – आइसक्रीम, चीनी, कोल्ड ड्रिंक्स, केक, चॉकलेट्स आदि का अधिक मात्रा में सेवन करने से बच्चों तथा बड़ों के भी पेट में कीड़े ( केंचुए ) में पड़ जाते हैं।
  2. यह कीड़े लंबे, चपटे, गोल, आंकड़े दार पतले, सफेद सूत्राकार इत्यादि कई प्रकार के होते हैं।
  3. आयुर्वेद में कृमियों अर्थात कीड़ों की 20 से ज्यादा जातियां बताई गई हैं।
  4. यह कीड़े पेट में उत्पन्न हो जाने पर अन्रस्थ ( आंतों में बनने वाला रस ) रसों का चूषण करते रहते हैं, आंतों में चिपके रहते हैं ।

पेट में कीड़े होने के लक्षण –

पेट में कीड़े होने के कारण ग्लानी, भ्रम, मुख से लार गिरना, पेट तथा गुदा में कैची से काटने जैसी पीड़ा होना, अर्थात दर्द होना कब्ज, आनाह, मल शुष्क होना, अनिद्रा, पांडू, शोथ, अर्थात सूजन आना, पेट दर्द, सिर दर्द आदि विकार उत्पन्न हो जाते हैं।

कृमि कुठार रस सेवन की  विधि –

इस रस के 21 दिन या आवश्यकतानुसार अधिक समय तक प्रयोग करने से कृमि रोग समूल नष्ट होकर उसके कारण उत्पन्न हुए विकारों का भी शमन हो जाता है।
इसके प्रयोग काल में प्रति तीसरे या चौथे दिन रात को सोते समय पंचसकार चूर्ण 6 मासा गर्म जल से सेवन करना चाहिए, ताकि कोष्ठ शुद्धि होकर मरे हुए कीड़े बाहर निकल जाएं।
नोट –
बच्चों को धतूरे के पत्ते का रस २-४ बूंद शहद से और बड़ों को 5 से 10 बूंद रस १ तोला शहद के साथ देना चाहिए ।

मात्रा और अनुपान –

२ से ४ गोली सुबह – शाम खाकर ऊपर से नागरमोथा का क्वाथ पी लें।
विशेष नोट –
आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में ही लें।

यह जानकारी आयुर्वेद सारसंग्रह नामक पुस्तक से ली गई है ।
कृमि कुठार रस के फायदे, नुकसान, गुण उपयोग और सेवन विधि। | पेट के कीड़ों की रामबाण औषधि | krimi kuthar ras uses in hindi
krimi-kuthar-ras-in-hindi


अनुरोध –
दोस्तों कृमि कुठार रस के बारे में आपको हमारा यह ब्लॉग कैसा लगा पसंद आया हो तो कमेंट करके जरूर बताएं और साथ ही यह भी बताएं कि आप और किन विषयों पर ब्लॉग चाहते हैं, जल्दी ही हम इस विषय पर भी ब्लॉग  लेकर आएंगे।
            
(Visited 2,050 times, 1 visits today)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *